दोस्तो, मेरा नाम सुमन है, उम्र 24 साल, फिगर साइज 33-28-34 है.
मैं दिखने में सांवली हूँ, मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था।
मेरी चुत की आग ने मुझे जैसे रंडी ही बना दिया।
मैं सुमन अपनी दुनिया में खुश रहती थी.
मेरी सहेलियों के ब्वॉयफ्रेंड थे और वे सब उनके साथ जवानी का मजा करती थीं.
चुदाई के बाद मेरी सहेलियां जब मिलतीं तो वे सब चटखारे ले लेकर अपनी चुदाई के किस्से सुनातीं.
मैं उनकी सेक्स की बातों को सुनकर गर्म हो जाती और बाद में अपनी बुर में उंगली करके अपनी बुर को, ठंडा कर लेती थी.
इसी तरह मैं रोज कॉलेज जाती और घर आ जाती.
एक दिन मेरी सहेली फोन पर एक पोर्न साईट पर किसी से चैट कर रही थी.
मैंने देखा तो उससे पूछा कि यह सब कैसे करते हैं.
तो उसने मेरी भी आईडी उस साईट पर बना दी.
अब मैं भी उस साईट पर रोज आने लगी.
पर मुझे किसी का कोई मैसेज ही नहीं आता था.
एक दिन मेरी सहेली ने पूछा- चैट हो रही है न वहां पर … अब तो मजा आ रहा होगा!
तो मैंने उसको मना करते हुए सारी बात बताई.
उसने मेरा फोन लिया और साईट को खोल कर उसने मेरी प्रोफाइल में 4-5 गंदी और अश्लील सी फोटो डाल दीं, साथ ही उसने बहुत कुछ चुदाई वाला मसाला भी लिख दिया.
मैं शाम को घर आ गई.
अगले 3 दिन तक कॉलेज की छुट्टी थी, तो मैं अपने घर के काम में व्यस्त रही.
रविवार को रात को मैं बोर हो रही थी तो मैंने सोचा कि अब साईट खोल कर वीडियो देखा जाए और अपनी बुर को ठंडी कर लूं!
मैंने अपने कमरे को अन्दर से बन्द किया और सलवार उतार कर बैड पर बैठ गई.
मैंने मोबाईल पर पॉर्न साईट खोली तो देखा किसी का मैसेज आया हुआ था.
तभी मैंने मैसेज खोला तो उसमें एक लड़के ने मेरी फ़ोटोज़ की बहुत तारीफ की थी.
मैं बहुत खुश हुई.
मैंने भी उसको धन्यवाद का रिप्लाई कर दिया.
अब मैं गंदी फिल्म देखकर शांत करने लगी.
थोड़ी देर में ही उस लड़के का वापस रिप्लाई आया और इस बार उसने अपने लंड की तस्वीर के साथ मैसेज भेजा था.
उस मैसेज में लिखा था कि लंड पसंद आया हो, तो रिप्लाई देना.
उसका लंड देख कर ही मेरी बुर पानी छोड़ने लगी.
उसका लंड सच में काफी लंबा और मोटा था.
थोड़ी देर बाद मैंने उसको रिप्लाई किया- तुम्हारा बहुत अच्छा है!
वह- धन्यवाद, तुम कहां से हो?
मैंने अपनी जगह बता दी.
वह- तुम तो बहुत सेक्सी हो, आज तक कितने लंड ली हो?
मैं- अभी तक एक भी नहीं.
वह- हो ही नहीं सकता है, तेरी बुर की फोटो देख कर लगता है कि तू बहुत चुदी है!
मैं- वह मैंने तो ऐसे ही लगा दी है.
वह- तो अपनी असली बुर ही दिखा दो न!
मैं- नहीं!
वह- अच्छा तो अपनी एक सेक्सी सी फोटो तो दिखा दो, अब मना मत करना.
मैं- ठीक है, पर एक ही फ़ोटो दूँगी.
वह- हां, पर अपनी ही दिखाना!
मैंने उसको अपनी फोटो भेज दी, उसने मेरी बहुत तारीफ की.
मैं भी बहुत खुश हुई.
अब जब भी मौका मिलता, हम बात करने लगते.
कुछ ही समय बाद हम दोनों ने अपने नम्बर भी एक दूसरे के साथ शेयर कर लिए थे.
अब हम दोनों वीडियो कॉल पर भी बात करते थे.
कुछ दिनों तक बात हुई, तो हम दोनों खुल कर बात करने लगे.
हम दोनों को सेक्सी बातें करते हुए एक महीने से ऊपर हो गया था.
एक दिन हम दोनों नंगे होकर बात कर रहे थे.
हम दोनों जब भी नंगे होते थे तो अपना चेहरा नहीं दिखाते थे.
उस दिन उसने मुझसे कहा- सुमन मैं कोई जवान लड़का नहीं हूँ. मैं 40 साल एक हट्टा-कट्टा मर्द हूँ.
मैंने भी सोचा कि यह मजाक कर रहा है.
वह बोला- लोगी मेरे लंड को?
मैंने भी कहा- कब से तो तड़फ रही हूँ … पर आप हो कि आते ही नहीं हो!
तो वह एकदम से बोल पड़ा- तुम रात को 11 बजे घर से बाहर आ सकती हो?
मैंने सोची कि यह मजाक कर रहा होगा.
तो मैंने भी हां कर दी.
अब वह ऑफ लाइन हो गया.
रात को ठीक 11 बज कर 10 मिनट पर उसका फोन आया ‘कहां हो तुम, मैं बाहर इंतजार कर रहा हूँ … जल्दी बाहर आओ!’
मैं कुछ समझ पाती कि उसने फोन रख दिया.
मैंने सोचा कि मैंने तो उसको अपने घर का पता अभी तक बताया ही नहीं था, तो कहां से बाहर आ गया!
मैं फिर घर के पीछे वाले दरवाजे से बाहर आ गई.
बाहर अन्धेरा बहुत था, मैं एक साइड खड़ी हो गई.
तभी एक हाथ निकल कर आया और मेरे मुँह पर आ गया.
मैं एकदम से इस हरकत से बहुत डर गई.
जब मैंने पीछे देखा तो पास के रमेश अंकल थे.
मैं उनसे छूट कर दूर हुई और बोली- यह क्या गंदी हरकत कर रहे हो अंकल?
अंकल बोले- वही, जो रोज फोन में करते थे.
अब मैं समझ गई कि मैं जिसको एक लड़का समझ रही थी, वह लड़का रमेश अंकल हैं.
अंकल ने मुझे पकड़ लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
वे पागलों की तरह मुझे किस किए जा रहे थे.
अब अंकल मेरी कमीज के ऊपर से मेरे बूब्स को दबाने लगे.
मैंने उनको धक्का देकर पीछे कर दिया.
अंकल बोले- क्या हुआ?
मेरे मुँह से निकल गया कि कोई देख लेगा अंकल!
‘अब यहां इस टाइम कौन आएगा?’
मैं- नहीं, कोई भी आ सकता है.
अंकल ने मेरा हाथ पकड़ा और वे मुझे एक ट्रक के पास ले आए.
उन्होंने जल्दी से ट्रक के गेट को खोला और मुझे ट्रक के अन्दर ले गए.
अंकल ने ट्रक के अगले शीशे पर स्क्रीन लगा दी.
इससे ट्रक के अन्दर अन्धेरा हो गया.
अब अंकल ने मुझे पकड़ा और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगे.
मुझे भी मजा आने लगा था तो मैं भी अंकल का साथ देने लगी थी.
थोड़ी देर में ही हम दोनों पूरे नंगे हो गए.
अंकल ट्रक की पिछली सीट पर लेट गए और लंड को हाथ में पकड़कर बोले- चूस रानी, पूरा चूस!
यह कह कर उन्होंने मेरा एक दूध पकड़ लिया और उसे मसलते हुए सहलाने लगे.
मैंने भी ब्लू फिल्मों में लंड की चुसाई देखी थी और मेरी सहेलियां भी खुल कर बताती थीं कि वे अपने ब्वॉयफ्रेंड्स का लंड चूसती हैं.
यह सब सोच कर मैंने रमेश अंकल के लंड को पकड़ा और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
अंकल का लंड सच में बहुत बड़ा था; पूरा लंड मुँह में नहीं आ रहा था.
तो अंकल अपनी गांड उठा कर अपना लंड पूरा का पूरा मेरे मुँह में डालने की कोशिश कर रहे थे.
मैं अंकल के लंड को चूसने के साथ एक हाथ से अपनी बुर को भी सहला रही थी.
कुछ देर बाद अंकल उठ गए और बोले- लंड की गोलियां भी चूस ले … बहुत मजा आ रहा है तेरे साथ!
मैं अंकल के टट्टे भी मुँह में लेकर चूसने लगी.
अंकल बोले- साली सुमन , तू तो वीडियो देख कर ही एक पूरी रंडी के जैसा मजा दे रही है!
अंकल के मुँह से ‘रंडी’ शब्द सुनते ही मैं उनके लंड को और जोर से चूसने लगी.
अंकल ने अब मुझे नीचे लिटाया और वे मेरी बुर चाटने लगे.
तभी अंकल ने एक उंगली मेरी गांड में डाल दी जिससे मेरी हल्की सी चीख निकल गई.
अंकल अपने काम में लगे रहे.
कुछ ही देर बाद अंकल मेरी गांड पर टूट पड़े.
उनकी एक उंगली मेरी बुर के अन्दर थी और जीभ मेरी गांड में चलने लगी थी.
उनकी नर्म गर्म जीभ से मुझे बहुत मजा आ रहा था.
कुछ पल बाद अंकल मेरे ऊपर चढ़ गए और अपने लंड को मेरी बुर पर घिसने लगे.
उन्होंने अपने एक हाथ से मेरा मुँह बन्द कर दिया और एक कड़क झटका मारते हुए अपना लंड अन्दर पेल दिया.
इस एक ही कड़क झटके में उनका लंड मेरी बुर को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
मेरे मुँह से निकली हुई चीख मेरे मुँह में ही दब कर रह गई.
मुझे बेहद दर्द हो रहा था और चाह कर भी मैं चिल्ला नहीं पा रही थी.
तभी अंकल ने फिर से झटका मारा.
इस बार ऐसा लगा मानो उनका पूरा लंड मेरे पेट के अन्दर चला गया हो.
इसके बाद थोड़ी देर तक अंकल मेरे ऊपर वैसे ही चढ़े रहे और उनका लंड मेरी बुर में अपनी जगह बनाता रहा.
फिर मेरा दर्द कम हुआ तो अंकल धीरे धीरे अपने लंड को बुर में आगे पीछे करने लगे.
कुछ देर बाद अंकल ने मेरे मुँह से अपना हाथ हटा दिया तो मैं जोर जोर से सांस लेने लगी.
मैं बोली- बाहर निकाल लो अंकल, बहुत दर्द हो रहा है.
अंकल ने मेरी कोई बात नहीं सुनी और मेरी बुर को चोदना जारी रखा.
कुछ देर बाद मुझे भी अंकल के लंड से मजा आने लगा था.
मैं भी गांड उठाकर अंकल का साथ देने लगी.
थोड़ी देर में ही मेरी बुर ने पानी छोड़ दिया और मैं निढाल हो गई.
अंकल लगातार अपनी गंदी गंदी गालियों के साथ मुझे चोदे जा रहे थे- आह साली छिनाल रंडी … बहन की लौड़ी बड़ा मजा दे रही है तेरी बुर … आह आज तो साली तेरी बुर का भोसड़ा बना कर रहूँगा!
कुछ ही देर में मैं फिर से चार्ज हो गई और अंकल की चुदाई में सहयोग करने लगी.
अंकल अब झड़ने वाले थे.
तो उन्होंने मुझे पेट के बल कर दिया और सारा पानी मेरी गांड पर छोड़ दिया.
उसके बाद अंकल ने अपने पानी को मेरी गांड में मल दिया.
मैं हाँफ रही थी और मुझे बेहद सुकून मिल रहा था.
मेरा जिस्म फूल की भान्ति हल्का हो गया था.
चुदाई के बाद इतना चैन मिल सकता है, इसका अहसास मुझे पहली बार हुआ था.
मैं अंकल के साथ चिपक कर सो गई.
कुछ देर बाद अंकल मेरे एक दूध को मसलते हुए बोले- साली रंडी, तेरी गांड का भी मजा लेना है! मुझे पता नहीं था कि तेरे जैसी मस्त रंडी मुझे यहीं मिल जाएगी.
यह बोलते हुए अंकल ने मेरे चूतड़ों पर अपना एक हाथ भी फेर रहे थे.
तभी अंकल ने एक उंगली मेरी गांड में घुसेड़ दी.
मुझे फिर से बहुत दर्द हुआ.
पर अंकल को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.
अंकल ने मेरी गांड को उंगली से चोदना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर में अंकल ने अपनी एक और उंगली गांड में डाल दी.
मुझे भी अब मजा आ रहा था.
अंकल का लंड भी अब टाईट हो गया था. अंकल ने मुझे कुतिया बना दिया.
मैंने भी अपने हाथों से अपनी गांड को पकड़ कर खोल दिया.
अंकल ने मेरी गांड और अपने लंड पर थूक लगाया और लंड को गांड में सैट कर दिया.
उसके ठीक बाद अंकल ने जोर का झटका मारा तो लंड गांड के अन्दर चला गया.
मैं तड़फ उठी.
अंकल बोले- शाबाश रंडी, बस थोड़ा और सह ले.
यह कहते हुए अंकल ने दूसरे झटके में अपना पूरा लंड गांड में डाल दिया.
मेरी तो समझो मेरी गांड फट ही गई थी.
उनका हाथ मेरे मुँह पर जमा हुआ था तो आवाज बंद थी.
अंकल अब मेरी गांड में लंड के साथ थप्पड़ भी मार रहे थे- साली रंडी बहुत मस्त कुतिया है तू!
वे यह सब बोल कर गांड फाड़ चुदाई किये जा रहे थे.
अंकल कभी मेरे बूब्स पकड़ कर दबाते तो कभी मुझे बालों से पकड़ कर एक घोड़ी की तरह खींचते.
कुछ 20 मिनट तक मेरी गांड चोदने के बाद अंकल ने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों दूध दबोचे और वे मेरी गांड में ही झड़ गए.
झड़ कर वे मेरे ऊपर ही लेट गए.
कब हम दोनों को नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.
जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि सुबह होने वाली है.
मैंने अपने कपड़े पहने, अंकल नंगे ही सोए थे.
मैं ट्रक से बाहर निकल कर घर आ गई.
अगले दिन कॉलेज भी नहीं गई, चूत से ज्यादा मेरी गांड में दर्द हो रहा था.
उसके बाद अंकल ने मेरी बहुत बार चुदाई की, कभी ट्रक में चोदा तो कभी बाहर खड़े खड़े ही चोद देते थे.
एक दिन अंकल और उनके दोस्त ने एक साथ मुझे मिल कर चोदा.
यह घटना मैं आपको अगली Sex Story में बताऊंगी.