दोस्तो, आपका क्या हाल है, आशा है आप सब ठीक होंगे. मेरा नाम विकास है, मैं मुंबई में रहता हूँ.
मैंने नागपुर की रहने वाली टीचर लड़की के साथ कैसे सेक्स सम्बन्ध बनाएं … पहले उसकी चर्चा कर लेता हूँ.
दोस्तो, उषा बहुत हॉट है. उसका रंग गोरा है, बूब्स बड़े बड़े हैं और उसकी गांड बहुत ही ज्यादा मस्त है. मैं उसको ऑनलाइन मिला था. मेरी उससे फेसबुक पर मुलाकात हुई थी. मैं उसकी हर फोटो को लाइक करता … और अच्छे अच्छे कमेंट करता. इस पर उसका मुझको थैंक्स लिख कर आता. इसी तरह से हमारी बातें होने लगीं.
मैंने उसके साथ बातों बातों में फ्लर्ट करना चालू कर दिया. उससे बातें हुईं, तो पता चला कि वो एक स्कूल टीचर है और नागपुर में अकेली रहती है. उसको घूमने फिरने का बहुत शौक है.
कुछ ही दिनों में हमारी काफी बातें होने लगीं. मैंने भी उसे अपने बारे में सब कुछ बताया. उसके साथ जब खुली बातें होने लगीं, तो मैंने उसे अपनी सेक्स कहानी के बारे में बताया. उसका मन देख कर मैंने अपनी सभी स्टोरीज उसको फेसबुक पर भेज दीं.
मैंने उससे पूछा कि कहानी पढ़ कर बताना कि कैसी हैं.
तो उसने मेरी कहानियों को पढ़ा और कहा- सभी कहानियां बहुत अच्छी लगीं.
मैंने उससे पूछा- सिर्फ अच्छी लगीं या कुछ और भी कहना चाहोगी?
उसने कहा- मैं तुम्हारी फोटो देखना चाहती हूँ.
मैंने अपनी असली फोटो अब तक फेसबुक पर नहीं डाली थी.
उसकी बात सुनकर मैंने उसे अपनी फोटो सेंड कर दी. उसने मेरी तारीफ़ की और मुझे भी अपनी एक हॉट सी फोटो भेजी.
मैंने उसे एक चुम्बन का इमोजी भेज कर उसकी गरम जवानी की तारीफ़ की. वो खुश हो गई.
अब हम दोनों ने रोज फोटो शेयर करनी शुरू कर दीं. उसने भी रोज अपनी एक ताज़ी हॉट फोटो मुझे सेंड करनी शुरू कर दी.
इस तरह हमारी गरम बातें होने लगीं.
एक दिन उसने मेरा नम्बर मांगा … और मैंने उसको अपना मोबाइल नंबर दे दिया.
उसने अपना नम्बर देने के लिए मुझको फोन किया. इस तरह से मेरे पास उसका नम्बर आ गया. मैंने उसका फोन उठा कर उससे बात करनी शुरू कर दी.
मैं- हैलो उषा जी … आप कैसी हो?
उसने कहा- मैं ठीक हूँ, आप कैसे हो?
उसके बाद मैंने कहा- एकदम मस्त … आपकी आवाज बहुत मीठी है.
उसने मुझको थैंक्स कहा.
उसने पूछा- और क्या चल रहा है?
मैंने कहा- फोटो भेज कर बताऊं?
वो बोली- हां बताओ.
मैंने उसी वक्त व्हाट्सअप पर अपनी नंगी फोटो सेंड कर दी.
मेरा खड़ा लंड देख कर उषा मुस्कुरा कर बोली- वाह, काफी मस्त है तुम्हारा.
मैंने कहा- आपको पसंद आया इसके लिए थैंक्स. मुझे भी आपकी ऐसी ही तारीफ़ करने का मन है.
ये सुनकर उषा ने अपनी नंगी फोटो मुझको सेंड कर दी. इस फोटो में वो एकदम नंगी खड़ी थी. उसके बड़े बड़े बूब्स थे और उसकी चुत बिल्कुल साफ़ थी.
उसकी चुत पर एक भी बाल नहीं था. चुत का रंग हल्का ब्राउन था और बूब्स के निप्पल छोटे छोटे बहुत क्यूट थे. उसकी गांड बाहर को निकली हुई थी.
उसे देख कर मेरा मन कर रहा था कि अभी के अभी उषा की चुत पर अपना मुँह लगा दूं और उसकी चुत का सारा जूस सारा पी जाऊं.
उसने कहा- क्या ख्याल है?
मैंने उषा से कहा- यार उषा मेरा तो मन कर रहा है कि तुम्हारे मम्मों को चूस चूस कर लाल कर दूँ और तुम्हारी चुत में अपनी जीभ डाल कर खूब चोदूं. उषा मैं तुम्हारी चुत का पूरा रस पी जाना चाह रहा हूँ. तुम्हारी चुत की मलाई को खा जाना चाहता हूँ. साथ ही तुम्हारी गांड को भी चूसना चाहता हूँ.
इस पर उषा ने बोला- तो आ जाओ … मना किसने किया है … आओ और पी जाओ … मेरा सब कुछ तुम्हारा है. जो भी तुम्हारी इच्छा है, वो मेरे साथ कर लो.
उसकी बता सुनकर मैं राजी हो गया और हम दोनों में मिलने का प्रोग्राम बन गया.
मैं तयशुदा प्रोग्राम के हिसाब से नागपुर आ गया.
उधर पहुंच कर मैंने उषा को फोन किया- स्वीट हार्ट कहां हो?
उसने कहा- मैं घर पर हूँ.
मैंने कहा कि मैं नागपुर के रेलवे स्टेशन पर आ गया हूँ.
उसने किलकारी मारते हुए बोला- क्या सच!
मैंने कहा- हां.
उसने कहा- तुम उधर ही रुको … मैं आती हूँ.
मैंने उसका इंतज़ार किया.
उषा मुझको एक्टिवा से लेने आ गई और मैं उसके साथ एक्टिवा पर बैठ कर उसके घर चला गया.
हम दोनों घर आ गए. मैंने घर में घुसते ही उसको अपनी बांहों में भर लिया. वो भी मुझसे लिपट गई. मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया. उषा के चूतड़ बहुत सेक्सी थे. मेरे खड़े लंड ने उसकी गांड की दरार में घुसना शुरू कर दिया था.
मेरा लंड और भी ज्यादा टाइट हो गया था. हम दोनों में लम्बा किस किया. इसके बाद मैं उसे अपनी गोद में लेकर सोफे पर बैठ गया और उसके मम्मों से खेलने लगा.
उसने मुझसे खाने का पूछा तो मैंने हां कह दिया. उसने फोन पर खाना आर्डर कर दिया.
हम दोनों एक दूसरे में मदहोश थे. उषा ने मेरी गोदी से उठ कर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेड पर लाकर बैठा दिया. मैं बैठा तो मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया और वो मेरी गोद में आकर बैठ गई. उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए. मैंने उसे चूमते हुए महसूस किया कि उषा की सांसें बहुत गर्म हो चली थीं.
उषा मेरे होंठों को चूसने लगी, मैं भी उसके होंठों को चूसने लगा.
तभी मैंने उसकी जींस में हाथ डाल दिया और उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा. वो मुझसे एकदम से चिपक गई, इससे उसकी गांड और भी ज्यादा खुल गई.
मैंने भी उषा को अपनी बांहों में जोर से जकड़ लिया और उसको चूमने लगा. फिर मैंने उसको अपने नीचे लिटा लिया, उसकी आंखों को चूमा, उसके गालों को चूमा, उसके रसीले होंठों को चूमा.
इसके बाद नीचे आते हुए मैंने उसकी चूचियों को चूमा, उसकी चूचियों को हाथों में पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया. वो मचल उठी, तो उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. मैं उसके मम्मों को चूमने लगा. उसके मम्मों का रंग दूध जैसा था. मैंने उसके एक मम्मे को अपने मुँह में भर लिया और निप्पल चूसने लगा. वो मस्ती से अपनी चूची पकड़ कर मुझे चुसवाने लगी.
अभी मैं आगे बढ़ता कि तभी दरवाजे की घंटी बज गई. उषा ने अपने आपको ठीक किया और बाहर देखने चली गई.
खाना आ गया था. उसने खाना लिया और बेडरूम में आ गई. वो खाना रख कर किचन में चली गई, उधर से बर्तन और पानी लेकर आ गई.
हमने साथ में खाना खाया. उषा को मैंने अपने हाथों से खाना खिलाया. उषा मुझको खिला रही थी. खाना खाने के बाद उषा बर्तन रसोई में रखने चली गई. मैं रूम में बेड पर लेट गया. उषा कुछ पल बाद रूम में आ गई.
उसने जींस टी-शर्ट उतार कर एक बहुत ही सेक्सी गाउन डाला हुआ था. इसमें उषा बहुत हॉट लग रही थी. उसे देख कर मैं बेड से खड़ा हुआ और सीमा के पास आकर उसके हाथों को चूमा. उसने मुझे हग कर लिया.
उषा बोली- , मुझे आज अपना बना लो … मेरी प्यास बुझा दो.
मैंने कहा- अब तुम मेरी हो … आगे भी तुम मुझे अपना बनाकर रखोगी. प्रॉमिस करो.
उसने प्रॉमिस किया.
मैंने उसके एक करके करके सारे कपड़े निकाल दिए. उसके बाद उसने भी मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. फिर मैं उसके पूरे जिस्म को चूमने लगा. पहले मैंने उसके माथे पर किस किया, फिर उसको आंखों पर चूमा. उसकी नाक पर किस किया. उसकी सांसें बहुत गर्म थीं और आंखों में बहुत सारा प्यार था.
इसके बाद मैंने उसके गालों पर किस किया और जब मैं उसके होंठों पर आया तो उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से दबोच लिया. वो मेरे साथ बिल्कुल चिपक गई और मेरे होंठों को अपने होंठों का रस पिलाने लगी. मैं भी उसके होंठों का रसपान करने लगा. होंठों से होंठ लड़ रहे थे और हमारी एक दूसरे की बांहें आपस में एक दूसरे को जकड़ रही थीं. हम दोनों एक दूसरे में समाना चाहते थे. हमारी टांगें एक दूसरे की टांगों से लिपटी हुई थीं. मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था और अन्दर घुसने की कोशिश कर रहा था. लंड बिल्कुल टाइट था और उसकी चुत में घुस जाने के लिए बेचैन था.
उषा ने भी अपनी चूत के दरवाजे को खोल दिया और खड़े खड़े ही मेरे लंड को अपनी चूत के अन्दर समां लिया. लंड लेते ही वो मेरी कमर में टांगें डाल कर झूल गई और लंड उसकी चुत में अन्दर तक चला गया.
इस समय हम इस तरह से चिपके हुए थे कि हवा भी बीच में से नहीं गुजर सकती थी.
धीरे धीरे उषा ने मेरे लंड पर झूलना शुरू कर दिया. मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया. उसकी चूत से ढेर सारा पानी बह रहा था. मैं अपनी जीभ उसकी चूत के पास लेकर गया और उसकी चूत का रसपान करने लगा. पानी का टेस्ट नमकीन था. फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाट कर साफ़ किया.
उषा मेरे सिर को अपनी चूत के अन्दर दबाने लगी और मैं अपनी जीभ को उसकी चूत की गहराई तक लेकर जाने लगा. उषा सिसकारियां भरने लगी और दो मिनट में ही झड़ गई.
उसकी चूत का वनीला जूस मेरे मुँह पर लग गया. मेरा मुँह सीमा के जूस से पूरा सन गया था. ये देख कर उषा हंसने लगी.
फिर मैंने खड़े होकर अपना चेहरा साफ़ किया और उषा की तरफ देखा. उषा के मुँह पर वासना की लाली थी और आंखों में चमक थी. वो बिस्तर पर चुत पसारे पड़ी थी.
मुझे देखकर वो अपनी बांहें फैलाते हुए बोली- मुझे आज न जाने कितने दिन बाद बहुत अच्छा लगा.
मैं उसकी बांहों में जाकर उसके ऊपर लेट गया. उषा ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और चूमते हुए बोली- विकास आई लव यू … मुझे बहुत अच्छा लगा.
मैंने कहा- अभी तो शुरुआत है जान … अभी तो पूरी रात बाकी है.
वो हंसने लगी. फिर हम साथ में खड़े हुए और बाथरूम में चले गए. उषा ने शॉवर चालू कर दिया. हम दोनों साथ में नहाने लगे. मैंने बाथरूम से शॉवर जैल उठा लिया और उषा की बॉडी पर डाल दिया. फिर मैं अपनी बॉडी से उसकी बॉडी को मसलने लगा. उषा के मुलायम चूचे जब मेरी छाती को मसलते, तो मुझे बहुत अच्छा लगता. उषा ने भी मेरे लंड पर जैल लगाया और अपनी चूत से उसको मसलने लगी. मुझको बहुत मजा आ रहा था और मैं अपनी हाथों से उसकी बॉडी को मसल रहा था.
तभी उषा नीचे बैठ गई और मेरे लंड को अपनी मम्मों के बीच में लेकर लंड को मसलने लगी. उसके बाद मैं बाथरूम के फर्श पर लेट गया और उषा मेरे ऊपर बैठ गई. उसने अपने चूतड़ों में शॉवर जैल लगाया और मेरे मुँह से लेकर मेरे पैरों तक हिप मसाज देने लगी.
जब उसकी गर्म गर्म चूत और गांड मेरे बदन से रगड़ खाते, तो मुझे बहुत सुकून मिलता. मैं तो समझो जन्नत में था.
इस तरह दस मिनट तक उषा ने अपने चूतड़ों से मेरी पूरी बॉडी की मसाज की. मेरा लंड भी बहुत खुश था … वो हवा में हिचकोले ले रहा था. जब चूत लंड के ऊपर घिसती, तो मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर जाने की कोशिश करता. लेकिन बेचारा नाकाम रहता. उसके बाद उषा ने शॉवर ऑन कर दिया. पानी की बूंदें हमारे ऊपर गिरने लगीं और उषा मेरो बॉडी को अपनी हाथों से मसलने लगी. मैं उसकी बॉडी पर हाथ फेरने लगा.
कुछ मिनट तक हम इस तरह ही मजा करते रहे. फिर उषा ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ने लग गई. उसकी चिकनी चूत से जैल की बहुत अच्छी महक आ रही थी. मैं मदहोश हो रहा था. इसी मदहोशी में मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उषा भी मेरे लंड को अपनी गले तक उतारने लगी. उषा मेरे लंड को निगल लेना चाहती थी और मैं उसकी चूत को भूखे शेर की तरह चाट और चूस रहा था.
फिर उषा खड़ी हो गई और मैं नीचे लेटा रहा. उषा ने मेरे लंड को अपनी हाथ से पकड़ा और अपनी चूत पर सैट करके एक झटके में सारा लंड चुत के अन्दर ले लिया. वो लंड पर बैठ कर आगे पीछे हिलने लगी.
उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं- ओह ओह अहा अहा … कितना अन्दर तक मजा दे रहा है.
मैं भी अपने लंड से उसको ऊपर की ओर उछाल रहा था. जब लंड और चूत आपस में टकराते … तो पच पच की मधुर आवाज आने लगी थी. इस सेक्सी आवाज से बाथरूम गूंज रहा था और मैं पूरा जोर लगा कर उषा को चोद रहा था.
दस मिनट बाद उषा की स्पीड बढ़ने लगी. ऐसा लग रहा था कि वो झड़ने वाली है. तभी उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मैंने लंड से अपनी चुदाई स्पीड और तेज कर दी. मैं जोर जोर से उषा की चूत मैं लंड को गहराई तक ले जाने लगा.
उषा सिसकारती हुई बोली- आं … आह और जोर से … और जोर से … मैं गई … आह!
उषा की चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया और झड़ने लगी. मैंने अपनी स्पीड में कोई कमी नहीं आने दी. मैं जोर जोर से लंड अन्दर बाहर करता रहा.
इतनी देर में उषा झड़ कर खाली हो गई. उसने मुझको अपनी बांहों में जकड़ लिया और हांफने लगी. मैंने भी उसको जोर से हग कर लिया और लंड उसकी चूत के अन्दर ठांस कर मैं भी पड़ा रहा. मैं अभी बाकी था.
फिर मैंने उषा को नीचे लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच आ गया. उसकी टांगों को ऊपर उठाया और अपने लंड को उसकी चूत पर सैट करके अन्दर डाल दिया. मैं जोर जोर से झटके देने लगा. उषा मस्त होने लगी. मैं उसकी चूचियों को मसलते हुए उसके ऊपर लेट गया. उसने भी मुझे दबोच लिया.
मैं जोर जोर से लंड चुत में अन्दर बाहर करने लगा और उसके होंठों को चूस रहा था. वो भी मेरे साथ फिर से गर्म हो गई थी. मेरे साथ अपनी गांड को ऊपर उठा रही थी. चुदाई के साथ हम एक दूसरे के होंठों चूस रहे थे.
पांच मिनट बाद हम दोनों साथ में झड़ गए और एक दूसरे को जोर से अपनी बांहों में भर लिया.
उषा तृप्त हो चुकी थी. मैं भी मस्त हो गया था. हमारे ऊपर शॉवर की बूंदें अब भी गिर रही थीं.
फिर मैं उठा और शॉवर बंद कर दिया. उषा ने आंखें बंद कर लीं. मैंने उसे गोद में उठाया और कमरे ले आया.
हम दोनों बिस्तर पर गिरते ही सो गए.
यहां पर मैं अपनी सेक्स स्टोरी को विराम दे रहा हूँ. दोस्तों आपको उषा की चुदाई की कहानी अच्छी लगी हो, तो कमेंट जरूर करना. इसके बाद मैं अपनी अगली सेक्स कहानी पेश करूंगा.